ॐ सांई राम
तूने मुझे बुलाया साईनाथ रे
मैं आया मैं आया साईनाथ रे
ओ साई राम रे, ओ साई श्याम रे, ओ साई राम रे.......तूने...
सारे जग का तू है दाता,
हम भक्तों का भाग्यविधाता
तेरे दर्शन को पाने को (२)
चलते चलते आया साईनाथ रे.....मैं आया......
लाखों की तूने बिगड़ी बनायीं
शिर्डी की तूने आस जगाई
भूखे को साई खाना देता
प्यासे की बाबा प्यास बुझाता
तू है अक्षय दाता साई नाथ रे........मैं आया...
पापी हो या, या हो पुजारी
राजा हो या रंक भिखारी
सबको तूने गले लगाया
बाबा दीन दयालु साईनाथ रे....में आया...
तुम को पता है अन्तर्यामी
जाग उठो शिर्डी के स्वामी
तुमको अर्पण की है मैंने
ये माटी की काया साईनाथ रे...में आया....
अरे प्रेम से बोलो जय साई की
अरे सारे बोलो जय साई की
अरे मिलकर बोलो जय साई की
अरे साई गुण गाओ जय साई की
अरे हरि गुण गाओ जय साई की
अरे प्यारा नाम जय साई की
अरे सुन्दर नाम जय साई की
अरे कष्ट मिटाए जय साई की
अरे दुःख हर ले जय साई की
अरे सबका मालिक जय साई की
तूने मुझे बुलाया साईनाथ रे
मैं आया मैं आया साईनाथ रे
ओ साई राम रे, ओ साई श्याम रे, ओ साई राम रे.......तूने...
सारे जग का तू है दाता,
हम भक्तों का भाग्यविधाता
तेरे दर्शन को पाने को (२)
चलते चलते आया साईनाथ रे.....मैं आया......
लाखों की तूने बिगड़ी बनायीं
शिर्डी की तूने आस जगाई
भूखे को साई खाना देता
प्यासे की बाबा प्यास बुझाता
तू है अक्षय दाता साई नाथ रे........मैं आया...
पापी हो या, या हो पुजारी
राजा हो या रंक भिखारी
सबको तूने गले लगाया
बाबा दीन दयालु साईनाथ रे....में आया...
तुम को पता है अन्तर्यामी
जाग उठो शिर्डी के स्वामी
तुमको अर्पण की है मैंने
ये माटी की काया साईनाथ रे...में आया....
अरे प्रेम से बोलो जय साई की
अरे सारे बोलो जय साई की
अरे मिलकर बोलो जय साई की
अरे साई गुण गाओ जय साई की
अरे हरि गुण गाओ जय साई की
अरे प्यारा नाम जय साई की
अरे सुन्दर नाम जय साई की
अरे कष्ट मिटाए जय साई की
अरे दुःख हर ले जय साई की
अरे सबका मालिक जय साई की
No comments:
Post a Comment