ॐ सांई राम
लगन लगी तेरे नाम की बाबा, बोले साईं साईं राम
मन डोले कब जाऊँगा, कब जाऊँगा शिर्डी धाम
बाबा मेरे अधीर मन को, धीरज से तुम भर देना
खाली झोली लाया हूँ मैं, नाम के मोती भर देना
चहूँ दिशा से बरसेगा, अमृत साईं साईं नाम
मन डोले कब जाऊँगा, कब जाऊँगा शिर्डी धाम
सब दुखियों को मिले सहारा, तेरे द्वारे आके
सच्चे मन से जो भी आये, प्रेम की ज्योत जगाके
जीवन रजनी रौशन हो जाये, तेरे नाम की छाँव
मन डोले कब जाऊँगा, कब जाऊँगा शिर्डी धाम
जीवन अपना सार्थक कर लूँ, जप कर साईं नाम
शीश झुका कर तेरे चरणों, करूँ सदा तेरा ध्यान
बाकी उम्र शिर्डी में बीते, बस यही अरमान
मन डोले कब जाऊँगा, कब जाऊँगा शिर्डी धाम
मन डोले कब जाऊँगा, कब जाऊँगा शिर्डी धाम
बाबा मेरे अधीर मन को, धीरज से तुम भर देना
खाली झोली लाया हूँ मैं, नाम के मोती भर देना
चहूँ दिशा से बरसेगा, अमृत साईं साईं नाम
मन डोले कब जाऊँगा, कब जाऊँगा शिर्डी धाम
सब दुखियों को मिले सहारा, तेरे द्वारे आके
सच्चे मन से जो भी आये, प्रेम की ज्योत जगाके
जीवन रजनी रौशन हो जाये, तेरे नाम की छाँव
मन डोले कब जाऊँगा, कब जाऊँगा शिर्डी धाम
जीवन अपना सार्थक कर लूँ, जप कर साईं नाम
शीश झुका कर तेरे चरणों, करूँ सदा तेरा ध्यान
बाकी उम्र शिर्डी में बीते, बस यही अरमान
मन डोले कब जाऊँगा, कब जाऊँगा शिर्डी धाम
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