ॐ सांई राम
भोला है सांई बाबा भोला है सांई
तुमसा कोई ना दाता तू ही जग का सुखदाता
तुमने ही सारे जग की बिगड़ी सँवारी
भोला है सांई बाबा भोला है सांई
जाकर शिरडी विराजै खन खन खन चिमटा बाजै
सिर पर है मुकुट विराजै अंग पर है कुर्ता राजै
संग में संगत विराजै शोभा है न्यारी
भोला है सांई बाबा भोला है सांई
भक्तों के दुख निवारे पल में सब काज सँवारे
सांई है भोला भाला सांई जग से निराला
लेकर कर चिमटा चल ये संगत है प्यारी
भोला है सांई बाबा भोला है सांई
कितना भी हो कोई पापी कितना भी हो परतापी
तुमने ना अन्तर की माँ जिसने जो माँगा दीन्हा
लेकर विभूति चलिये बाबा द्वारी
भोला है सांई बाबा भोला है सांई
तुमसा कोई ना दाता तू ही जग का सुखदाता
तुमने ही सारे जग की बिगड़ी सँवारी
भोला है सांई बाबा भोला है सांई
भूख प्यास जब तुम्हे सताये
ज़ीव जंतु को भी ध्यान मे लाये
भोजन जल यदि भोग लगाये
थोड़ा उनके लिये बनाये
खाये पियेंगे वे जब आप खिलाये
बाबा जी के मन को भी आप भाये।
ज़ीव जंतु को भी ध्यान मे लाये
भोजन जल यदि भोग लगाये
थोड़ा उनके लिये बनाये
खाये पियेंगे वे जब आप खिलाये
बाबा जी के मन को भी आप भाये।
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