ॐ सांई राम
कभी हसाए कभी हसाए तेरे रंग हैं न्यारे बाबा
धूप छाँव के खेल रचाए जीवन भर तू सारे बाबा
तेरे रंग हैं न्यारे बाबा तेरे रंग हैं न्यारे
रंग बिरंगी सुन्दर दुनिया कैसी तूने बनाई
सूरज चन्दा पवन और पानी इन सब से है सजाई
ओ महान कला के स्वामी तुझे ढूँढते सारे बाबा
तेरे रंग हैं न्यारे बाबा तेरे रंग हैं न्यारे
हार जीत का जग में मेला लगा दिया है तूने
भूल भुलैया है यह जिंदगी उलझाया है तूने
दुःख और सुख के झोंकों में हम तुझे याद करें सारे बाबा
तेरे रंग हैं न्यारे बाबा तेरे रंग हैं न्यारे
कौन दोस्त है कौन है दुश्मन मन भावों के रँग
कौन किसी का स्वार्थ में लिपटे सब इक दूजे सँग
अन्त समय में अपना तन भी साथ रहे न हमारे बाबा
तेरे रंग हैं न्यारे बाबा तेरे रंग हैं न्यारे
कभी हसाए कभी हसाए तेरे रंग हैं न्यारे बाबा
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