ॐ सांई राम
बड़ी दूर से मैं तेरे दर पे आया
फरियाद सुनलो ओ मेरे साई बाबा
शिर्डी के साई बाबा रे..........(२)
बाबा रे.......... आजा रे........ साई रे........ बड़ी दूर से.........
ख्यालों मैं तू है निगाहों मैं तू है
तेरी आरजू हे तेरी जुस्त्ज्हू है
तू हे पत्ता पत्ता तू है डाली डाली
मेरे साईबाबा की महिमा निराली........शिर्डी के..........
तेरे दरपे है दीप पानी से जलते
नहीं देर लगती मुकदर बदलते
लाखों की तुने जो बिगड़ी बनाई
मेरी भी बिगड़ी बना दे oo साई.........शिर्डी........
मुक्कदर के हाथों सताया गया हूँ
सताया गया हूँ रुलाया गया हूँ
मेरे लिए तूने देर क्यूँ लगाई
दीदार करा दो ओ मेरे साई बाबा........शिर्डी..........
ज़माने मैं ना कोई मददगार मेरा
तू ही एक बाबा हे सब कुछ मेरा
दया कर दया कर तू सबका भला कर
मदद कर मदद कर ओ गरीबो के वाली......शिर्डी.......
तेरे दर पे है दीप पानी से जलते
नहीं देर लगती मुकदर बदलते
लाखों की तुने जो बिगड़ी बनाई
मेरी भी बिगड़ी बना दे साई.........शिर्डी........
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